केंद्र सरकार के ऐलान के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा कि 15 दिन बाद एकादशी के दिन ट्रस्ट की बैठक होगी जिसमें राम मंदिर निर्माण की तारीख पर फैसला लिया जाएगा। ट्रस्ट चाहता है कि अयोध्या में राम मंदिर क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़ा सनातन धर्म केंद्र बने। सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट के सदस्य चाहते हैं कि राम मंदिर क्षेत्र का विस्तार वेटिकन सिटी और मक्का की मस्जिद से ज्यादा बड़े इलाके में किया जाए।
111 एकड़ में राम मंदिर तीर्थ का निर्माण करने पर विचार
मालूम हो कि ईसाइयों का तीर्थ वेटिकन सिटी 110 एकड़ और मक्का मस्जिद 99 एकड़ में है। ट्रस्ट इससे ज्यादा इलाके में राम मंदिर तीर्थ का विस्तार करने की योजना बना रहा है। ट्रस्ट के पास अभी राम मंदिर के लिए ट्रस्ट के पास अभी 70 एकड़ की जमीन है। कुछ सदस्यों ने आसपास की संभावित जमीनों का जायजा भी लिया है। अरविंदो आश्रम 3 एकड़ जमीन देने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट 111 एकड़ में राम मंदिर तीर्थ का निर्माण करने पर विचार कर रहा है।
मंदिर निर्माण के लिए कई मुहूर्त, लेकिन अभी तय नहीं तारीख
बता दें कि ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को के पाराशरण के घर पर हुई, यह एकादशी का दिन था। ट्रस्ट की अगली बैठक अयोध्या में 15 दिन बाद होनी है, और यह भी एकादशी का दिन ही होगा। सूत्रों के मुताबिक, संतों ने राम मंदिर निर्माण के लिए कामदा एकादशी (4 अप्रैल) का मुहूर्त सुझाया है। पाराशरण के घर हुई बैठक में निर्माण शुरू करने के लिए कामदा एकादशी के अलावा तीन और तारीखों पर भी विचार किया गया। पहली तारीख 25 मार्च (चैत्र प्रतिपदा) है, इस दिन हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। इसके अलावा 2 अप्रैल (रामनवमी) और 8 अप्रैल (हनुमान जयंती) पर भी चर्चा की जा रही है। लेकिन, संतों की तरफ से 4 अप्रैल की एकादशी को ही मंदिर निर्माण का मुहूर्त करने पर जोर दिया जा रहा है।
पूर्व कैबिनेट सचिव नृपेंद्र मिश्र निर्माण समिति के चेयरमैन बने
बता दें कि राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को के पाराशरण के आवास पर हुई। इसमें राम जन्मभूमि न्यास महंत नृत्य गोपाल दास ट्रस्ट के अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के चंपत राय महासचिव बनाए गए हैं। गुरू पांडुरंग अठावले के शिष्य स्वामी गोविंद देव गिरि कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन का जिम्मा पूर्व कैबिनेट सचिव नृपेंद्र मिश्र को सौंपा गया है